CIBIL Score Update – अगर आप अपने बैंक से किसी भी प्रकार का लोन लेने की प्लानिंग कर रहे है तो ऐसे में आपको बता दें कि सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपका क्रेडिट या सिबिल स्कोर क्या है। अगर आप सिबिल स्कोर के बारे में नहीं जानते है तो सबसे पहले चलिए आइए नीचे खबर में ये जान लेते है आखिर सिबिल स्कोर का लोन लेने में क्या रोल है।
Credit score Update : अगर आप अपने बैंक से किसी भी प्रकार का लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो इससे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपका क्रेडिट या सिबिल स्कोर क्या है. ऐसा करना इसलिए भी जरूरी है कि आपके क्रेडिट या सिबिल स्कोर पर ही बैंक लोन पर ब्याज दरों को तय करते हैं.
आम तौर पर लोन लेने में क्रेडिट स्कोर का सबसे अहम रोल रहता है. आइए, हम जानते हैं कि लोन लेने में क्रेडिट स्कोर का कितना अहम रोल रहता है…?
क्या है क्रेडिट स्कोर-
आपको बता दें कि क्रेडिट इनफॉर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया लिमिटेड (सिबिल) आपको 300 से 900 अंकों के बीच एक स्कोर प्रदान करता है. क्रेडिट या सिबिल स्कोर इस आधार पर तय होता है कि आपका पहले का क्रेडिट कार्ड का उपयोग कितना है, आप अपना बैंक खाता कैसे रखते हैं, कोई चेक तो बाउंस नहीं हुआ है, मौजूदा लोन, बिना इंश्योरेंस के मौजूदा लोन, लोन के रीपेमेंट और आपने कितनी बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन दिया है.
क्रेडिट स्कोर जानने के लिए कितना देना होता है पैसा?
आम तौर पर बोलचाल की भाषा में क्रेडिट स्कोर को ही सिबिल स्कोर भी कहा जाता है. भारत में इसे क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (सिबिल) ने सबसे पहले इसे जारी करना शुरू किया था. शुरुआत में इसको लेने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते थे, लेकिन अब यह आपको फ्री में मिलता है. इसके लिए किसी को पैसे का भुगतान नहीं करना पड़ता है.
कैसे तय होता है स्कोर के हिसाब से ब्याज-
क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (सिबिल) द्वारा दिए गए स्कोर के हिसाब से लोन की ईएमआई तय होगी. जैसे कि आपने किसी बैंक में होम लोन के लिए अप्लाई किया है और इस पर बैंक की ब्याज दर 8.35 फीसदी है तो अगर आपका स्कोर 760 प्वाइंट्स से ऊपर है, तो 8.35 फीसदी की ब्याज दर पर आपको होम लोन मिलेगा. 725 से 759 प्वाइंट्स होने पर 8.85 फीसदी और 724 से नीचे के प्वाइंट्स पर 9.35 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से लोन देना होगा.
कैसे सुधारें सिबिल स्कोर-
सिबिल रिपोर्ट सुधारने के लिए समय पर अपने बिलों का भुगतान करें.
वक्त पर कर्ज चुकाने से सिबिल रिपोर्ट में सुधार देखने को मिल सकता है.
क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट और बकाया रकम को कम रखना चाहिए और ज्यादा लोन न लें.
होम लोन, ऑटो लोन जैसे सुरक्षित लोन को ज्यादा अहमियत दें और असुरक्षित कर्ज लेने से बचें.
नियमित रूप से अपने संयुक्त बैंक खातों, सिबिल स्कोर की समीक्षा करते रहें.
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